दीप्ति शर्मा, भारतीय महिला क्रिकेट टीम की एक उल्लेखनीय और प्रेरणादायक खिलाड़ी हैं। उन्हें अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया है और वे महिला प्रीमियर लीग (WPL) में अपनी शानदार प्रदर्शन के लिए प्रशंसा पा रही हैं। वे यूपी वॉरियर्स के लिए खेलती हैं और हाल ही में उन्होंने WPL में ऐतिहासिक कार्य किया। उन्होंने दिल्ली के खिलाफ खेले गए मैच में हैट्रिक विकेट लेकर एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया, जिससे वे पहली भारतीय गेंदबाज बन गईं जिन्होंने WPL में हैट्रिक लिया है।
दीप्ति की कहानी न केवल क्रिकेट प्रेमियों के लिए प्रेरणादायक है, बल्कि हर कोई इससे कुछ सीख सकता है। उनका सफर बहुत मेहनती और प्रेरणादायक है। उनका जन्म आगरा में हुआ था और वे मध्यमवर्गीय परिवार से हैं। लेकिन उन्होंने अपने सपनों को पूरा करने के लिए कठिनाईयों का मुकाबला किया। दीप्ति के सफलता में उनके भाई सुमित का बड़ा हाथ है। उन्होंने दीप्ति को उनकी प्रतिभा को पहचाना और समर्थित किया। दीप्ति ने क्रिकेट का शौक नौ वर्ष की आयु में ही अपनाया और उनके परिवार ने उन्हें पूरा सहयोग दिया। उनके भाई सुमित भी क्रिकेटर हैं और उन्होंने दीप्ति को मैदान में प्रैक्टिस कराने में मदद की। उनके योगदान और दीप्ति की मेहनत से आज वह दुनिया भर में अपने देश का नाम रोशन कर रही हैं।
दीप्ति की मेहनत और परिश्रम ने उन्हें क्रिकेट की दुनिया में ऊँचाइयों तक पहुंचाया है। उन्होंने 295 रन बनाए हैं, जिससे वह सर्वाधिक रन बनाने वाली बल्लेबाजों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर हैं। उनके नाम पर 3314 रन और 229 अंतरराष्ट्रीय विकेट हैं।
दीप्ति की कहानी सिर्फ एक क्रिकेटर की नहीं है, बल्कि यह एक परिवार की, एक भाई-बहन की, और एक सपने को साकार करने की कहानी है। उनकी सफलता में उनके परिवार का बड़ा हाथ है जिन्होंने उन्हें हमेशा समर्थन दिया और उनकी मेहनत को साथ दिया। दीप्ति शर्मा का सफर हमें यह सिखाता है कि सपनों को पूरा करने के लिए सिर्फ मेहनत ही काफी नहीं होती, बल्कि समर्थन और लगन भी बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।
Deepti Sharma: महिला क्रिकेट की चमकती तारा और समर्थन की प्रतिमा
भारतीय महिला क्रिकेट के उज्जवल सितारे में से एक, दीप्ति शर्मा को उत्तर प्रदेश सरकार ने डीएसपी (डीप्टी सुपरिंटेंडेंट ऑफ पोलिस) के रूप में नियुक्त किया है। इस सम्मान के साथ, उन्हें 3 करोड़ रुपये की धनराशि भी प्रदान की गई है। दीप्ति को इस प्रतिष्ठा के बाद उनके परिवार और शहर के लोगों में आनंद की लहर छाई है। इस सम्मान के साथ, दीप्ति की जिम्मेदारियों में भी नवीनतम परिवर्तन आया है। उन्हें अब देश की सेवा करने का एक अवसर मिला है, और इससे साथ ही उनकी क्रिकेट करियर में भी नयी जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं। उन्होंने विशेषज्ञों के अनुसार अपने प्रतिभावान खेल से देश के लिए बेहतर प्रदर्शन करने का वादा किया है।
दीप्ति की कहानी उनके जीवन में एक बड़ा मोड़ था। वे आगरा के अवधपुरी कालोनी में रहती हैं और उनके परिवार का स्थायी समर्थन रहा है। उनके पिता, श्रीभगवान शर्मा, एक पूर्व रेलवे कर्मचारी हैं, जो उन्हें हमेशा समर्थन देते रहे हैं। उनके भाई सुमित ने भी उन्हें क्रिकेट में उत्साहित किया और उनका समर्थन किया।
दीप्ति का संघर्ष और मेहनत उन्हें 17 साल की उम्र में भारतीय महिला क्रिकेट टीम में चयनित करने तक ले आया। उन्होंने अपने कौशल के जरिए देश का नाम ऊंचा किया है। इस सफलता के बाद, उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों का भारी मोल लिया है और वादा किया है कि वह अब और बेहतरीन प्रदर्शन करेंगी। दीप्ति की समर्थन की ताकत और उनके परिवार का साथ ही उनकी जज्बे और मेहनत के बिना यह सफलता संभव नहीं थी। यह उनके लिए न केवल एक व्यक्तिगत सफलता है, बल्कि देश और समाज के लिए एक प्रेरणास्त्रोत भी है।
Deepti Sharma ने कहा, देश सेवा का एक और मौका
दीप्ति ने विस्मय और आनंद से घुटने टेकते हुए कहा, “देश सेवा का एक और मौका मिला है।” उन्होंने बताया कि उनका जन्म आगरा में हुआ है और वह अपने शहर के लिए कुछ करना चाहती हैं। आगरा में कई ऐसी प्रतिभाओं की कमी है जो आगे नहीं बढ़ पाती हैं, और उन्हें उनके सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करने का उद्देश्य है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यूपी सरकार ने उन्हें डीएसपी (डीप्टी सुपरिंटेंडेंट ऑफ पोलिस) बनाया है, और इससे देश की सेवा करने का एक और बड़ा मौका मिला है।
दीप्ति ने अपनी सफलता में अपने परिवार का बड़ा हाथ माना। उन्होंने बताया कि उन्हें अपने परिवार का साथ और समर्थन हमेशा मिला है, जो उन्हें अपने सपनों की ओर बढ़ने में सहायक बनाता है। वह जल्द ही फरवरी में होने वाली वीमेन प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) के लिए कैंप में शामिल होंगी, और वह अपना बेहतर खेल दिखाएंगी।