Brahma Muhurta शास्त्रों में ब्रह्म मुहूर्त को परमात्मा का समय भी कहा गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि ब्रह्म मुहूर्त में साधना ध्यान आदि करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है।

ब्रह्म का अर्थ होता है परमात्मा और मुहूर्त का अर्थ समय।

शास्त्रों में बताया गया है कि ब्रह्म मुहूर्त कल के समय सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह अपने चरम पर होता है और इस दौरान पृथ्वी पर देवी-देवता आते हैं।

ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत होने के बाद सुखासन में बैठ जाएं। इसके बाद अपनी दोनों आंखों को बंद करके इस मंत्र का जाप करें

'कराग्रे वसति लक्ष्मीः,कर मध्ये सरस्वती। करमूले तू ब्रह्मा, प्रभाते कर दर्शनम्।। '

इस मंत्र का अर्थ है कि हथेलियों में मां लक्ष्मी, देवी सरस्वती और भगवान विष्णु का निवास है और में सुबह-सुबह उनके दर्शन कर रहा हूं।

ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च। गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु॥

इस मंत्र का जाप करने से साधक को देवी-देवताओं कीक कृपा प्राप्त होती है। साथ ही सभी प्रकार की नकारात्मकता का विनाश होता है।